Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2023 · 1 min read

या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना

ग़ज़ल
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
रहगुज़र¹ में तू मगर मेरी उजाले देना

भूख इंसान को मजबूर बना देती है
मुफ़लिसी² में भी मुक़द्दर में निवाले देना

जानता है तू हवा से मैं नहीं लड़ सकता
मेरी कश्ती को न तूफ़ाँ के हवाले देना

होंठ सिल देना मेरे दिल में अगर तल्ख़ी हो
बात हो हक़ तो ज़बाँ पर नहीं ताले देना

मुश्किलों में जो ज़माना मुझे छोड़े तन्हा
तू मदद के लिए रहमत के रिसाले³ देना

गुल⁴ हों बदरंग सही हो मगर उनमें ख़ुशबू
जिस्म काले ही सही दिल तो न काले देना

ख़ुश रहेगा ऐ ‘अनीस ‘ अब जो रज़ा⁵ है तेरी
बस इसे जीने के अंदाज़ निराले देना
– अनीस शाह ‘अनीस’
1.रास्ता 2.ग़रीबी 3.सैनिकों का दस्ता 4.फूल 5.इच्छा

Language: Hindi
1 Like · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सरकारी
सरकारी
Lalit Singh thakur
आपसे होगा नहीं , मुझसे छोड़ा नहीं जाएगा
आपसे होगा नहीं , मुझसे छोड़ा नहीं जाएगा
Keshav kishor Kumar
“ऐसी दोस्ती”
“ऐसी दोस्ती”
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
आज रात
आज रात
Kshma Urmila
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
माँ गै करै छी गोहार
माँ गै करै छी गोहार
उमा झा
शबनम
शबनम
Kumud Srivastava
*कभी जिंदगी अच्छी लगती, कभी मरण वरदान है (गीत)*
*कभी जिंदगी अच्छी लगती, कभी मरण वरदान है (गीत)*
Ravi Prakash
4860.*पूर्णिका*
4860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने सपने तू खुद बुन।
अपने सपने तू खुद बुन।
श्रीकृष्ण शुक्ल
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
शीत
शीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
आज अचानक फिर वही,
आज अचानक फिर वही,
sushil sarna
धिक्कार है धिक्कार है ...
धिक्कार है धिक्कार है ...
आर एस आघात
शहर में ताजा हवा कहां आती है।
शहर में ताजा हवा कहां आती है।
करन ''केसरा''
कन्या
कन्या
Bodhisatva kastooriya
कान्हा और मीरा
कान्हा और मीरा
पूर्वार्थ
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
जिस दिन राम हृदय आएंगे
जिस दिन राम हृदय आएंगे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
Dr. Mohit Gupta
प्रकृति का बलात्कार
प्रकृति का बलात्कार
Atul "Krishn"
जन पक्ष में लेखनी चले
जन पक्ष में लेखनी चले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
We have returned from every door of life,
We have returned from every door of life,
अनिल "आदर्श"
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...