जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
कहते हैं पानी की भी याद होती है,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*गम को यूं हलक में पिया कर*
हिंदी दिवस को प्रणाम
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।