याद रखो ! शक्ति का जहॉ होता है दुरुपयोग: जितेंद्र कमल आनंद ( ११२)
याद रखो ( मुक्त छमद कविता )
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प्रिय आत्मन !
याद रखो !
शक्ति का होता है जहॉ दुरुपयोग
उसे धर्मका समर्थन न मिलकर
मिलती है वहॉ पराजय निश्चित
इसके विपरीत शक्ति का होता हैजहॉ भी सदोपयोग
प्राप्त होती है , विजयश्री धर्मके सहयोग से
ईश्वरीय बोध हो जाता है , तब —
नहीं रहती भोग विलास — ऐश्वर्य के प्रति आसक्ति
हो जाती है विषयों के प्रति विरक्ति ।
इसलिए
मानवीय चेतना बनो !
भगवद् सत्ता का अनुभव करो ……
—- जितेंद्रकमलआनंद रामपुर