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13 May 2024 · 1 min read

याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।

गज़ल- 24

याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
या लिखी थीं जो कभी वो चिट्ठियां रह जाएंगी।1

जाति धर्मों में अभी तक हम सभी जकड़े हुए,
तोड़ दो बंधन सभी, ये बेड़ियां रह जाएंगी।2

छोटे छोटे कपड़े आगे दौड़ में हैं, लग रहा,
पीछे ये लहंगे दुपट्टे साड़ियां रह जाएंगी।3

जिंदगी नाटक है जब ये खत्म होगी देखना,
गूंजती नेपथ्य में बस तालियां रह जाएंगी।4

जो लुटाएंगे सभी को प्यार ‘प्रेमी’ देखना,
याद बस वो लोग उनकी बोलियां रह जाएंगी।5

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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