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30 Mar 2020 · 1 min read

यादों के सहारे जिंदगी है कटती

यादों के सहारे जिंदगी है कटती
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आफतें हैं जिंदगी तबाह करती
यादों के सहारे जिंदगी है कटती

जब होते सामने,कोई मोल नहीं
पीछे से ही दुनिया,है याद करती

कट जाता सफर संग हमसफर
छूट जाए सा, दुनिया तंग करती

किसी रंग में दुनिया जीने ना दे
जीवन का हर रंग बदरंग करती

सहना तो अब आदत सी हो गई
लम्बी नीरस जिंदगी कैसे कटती

शुक्रिया उनका भी जो कटते थे
सज्जनों की नजर कैसे पड़ती

माना ये दुनिया फ़रेबियों से भरी
ईमानदारों से ही दुनिया चलती

सुखविंद्र यहाँ गुमनाम हो गया
गमगीन होकर ये जिंदगी कटती

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: कविता
319 Views

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