यह मोतियों की माला भी
कभी सफेद
कभी काला तो
कभी एक रंगीन मोती
यह मोतियों की माला भी
बड़ी ही विचित्र है
क्या अच्छा होता
एक से ही मोती धारण करती
यह भी तरह तरह के रूप
धरने लगी है
जैसी हो समय की मांग
उसके अनुसार
अपने रूप रंग बदलने लगी
किसी दिन यह न भूल जाये कि
इसका असली स्वरूप एक सच्चे मोती का
था
जब टूटेगी तो बिखर जायेगी
जर्रा जर्रा
यह जरा समय रहते
स्मरण कर ले।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001