Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2024 · 1 min read

यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।

यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है । घुस लेकर अधिकारी समय पर काम कर दे तो उसे हम बड़ा ईमानदार मान लेते है । ठीक उसी प्रकार जब एक इंटरव्यू में पत्रकार सौरभ द्विवेदी को कंगना रनौत कहती है है हमारी बात कोई सुनता नहीं कि हम 2014 में आजाद हुए थे तो द्विवेदी जी टोकते है कि हम तो 1947 में आजाद हुए थे । यहां द्विवेदी जी की बात पर हम खुश होते है और उनकी बात बहुत क्रांतिकारी लगती है जबकि हम आजाद ही 1947 में हुए थे । मौलिक पतन शायद इसी को कहते है ।

52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अल्फाज़
अल्फाज़
Shweta Soni
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
कवि रमेशराज
कुण्डल / उड़ियाना छंद
कुण्डल / उड़ियाना छंद
Subhash Singhai
तुम पर क्या लिखूँ ...
तुम पर क्या लिखूँ ...
Harminder Kaur
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
manjula chauhan
#काव्यमय_शुभकामना
#काव्यमय_शुभकामना
*प्रणय*
संसद में लो शोर का,
संसद में लो शोर का,
sushil sarna
हे नारियों खंजर लेकर चलो
हे नारियों खंजर लेकर चलो
Sonam Puneet Dubey
*इश्क़ की फ़रियाद*
*इश्क़ की फ़रियाद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" बसर "
Dr. Kishan tandon kranti
हर हाल में रहना सीखो मन
हर हाल में रहना सीखो मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
था जाना एक दिन
था जाना एक दिन
अमित कुमार
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मिलते हैं...
मिलते हैं...
ओंकार मिश्र
विवाहोत्सव
विवाहोत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
2969.*पूर्णिका*
2969.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
Pramila sultan
धीरे-धीरे क्यों बढ़ जाती हैं अपनों से दूरी
धीरे-धीरे क्यों बढ़ जाती हैं अपनों से दूरी
पूर्वार्थ
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
एक ही बात याद रखो अपने जीवन में कि ...
एक ही बात याद रखो अपने जीवन में कि ...
Vinod Patel
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शादाब रखेंगे
शादाब रखेंगे
Neelam Sharma
निराशा क्यों?
निराशा क्यों?
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
Neelofar Khan
पदावली
पदावली
seema sharma
हल
हल
Ragini Kumari
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
Loading...