यह तस्वीर कुछ बोलता है

यह तस्वीर कुछ बोलता है
हमारे अंदर की भेद खोलता है।
जिस व्यक्ति के जीवन में “अहं” है
उस अहं को पल भर में तोड़ता है।
कोई अपनी सुन्दरता पर इतराता है
कोई अपनी बदसूरती पर रोता है।
कोई अपनी अमीरी पर इतराता है
कोई अपनी गरीबी का रोना रोता है।
कोई छप्पन व्यंजन खाकर भी भूखा रह्ता है
कोई दो रोटी खाकर संतुष्ट रह्ता है।
कोई अपनी विद्वता का बखान करता है
कोई मूर्खता की बातें करता है।
लेकिन
यह तस्वीर कुछ बोलता है
हमारे मन की दुर्बलताओं को टटोलता है।
हमें एक सबक सिखाता है
हमें अच्छे कर्म की ओर जाने का राह दिखाता है।
राकेश कुमार राठौर
चाम्पा (छत्तीसगढ़)