यह आखिरी है दफा

यह आखिरी है दफा, सिर झुकाना मेरा तुमको।
समझ ले यह आखिरी बार, मनाना मेरा तुमको।।
यह आखिरी है दफा—————-।।
तुम बदनाम नहीं हो, मेरी वजह से कल को।
तू समझ आखिरी बार, समझाना मेरा तुमको।।
यह आखिरी है दफा—————-।।
मुझको हुई है मोहब्बत, क्यों ऐसे यह तुमसे।
समझ ले आखिरी ऑंसू , बहाते हुए मुझको।।
यह आखिरी है दफा—————-।।
बाँहों में आकर तुमने, क्यों खेल खेला दिल का।
समझ यह आखिरी खत ही, लिखना मेरा तुमको।।
यह आखिरी है दफा—————–।।
तुमको अफसोस नहीं हो, बहाये तुम नहीं ऑंसू।
समझ यह आखिरी प्यार, मिलना मेरा तुमको।।
यह आखिरी है दफा—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)