Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2016 · 1 min read

यहां से तुम तो इलेक्शन भी जीत सकते हो

ज़मीनें मिलती हैं और आसमान मिलते हैं
नसीब वालों को दोनो ..जहान मिलते हैं
………….
हमें खबर है बा ज़ाहिर निकाह होता है
मगर ये सच है कि दो खानदान मिलते हैं
………….
मैं हस्बे हाल हमेशा. मिसाल देता हूँ
मेरी कुतुब में हमेशा निशान मिलते हैं
……………..
यक़ीन कीजे कि पैसा यहाँ नहीं चलता
सिफारिशों से यहां पर मकान मिलते हैं
………………
नहीं नहीं यहाँ अम्नो सुकूँ नहीं मिलता
क़दम क़दम पे यहां तालिबान मिलते हैं
……………
यहां से तुम तो इलेक्शन भी जीत सकते हो
तुम्हें पता है …..यहाँ बे ज़बान मिलते हैं

290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3661.💐 *पूर्णिका* 💐
3661.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीत पिरोते जाते हैं
गीत पिरोते जाते हैं
दीपक झा रुद्रा
कोई गज़ल गा दीजिए
कोई गज़ल गा दीजिए
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Chahat
Chahat
anurag Azamgarh
नारी और वृक्ष
नारी और वृक्ष
ओनिका सेतिया 'अनु '
समय/काल
समय/काल
लक्ष्मी सिंह
लोगो खामोश रहो
लोगो खामोश रहो
Surinder blackpen
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Savitri Dhayal
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
बरसात सा जीवन
बरसात सा जीवन
Vivek Pandey
लिख रहा हूं।
लिख रहा हूं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"आज के दौर में"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
Rituraj shivem verma
-हर घड़ी बदलती है यह ज़िन्दगी कि कहानी,
-हर घड़ी बदलती है यह ज़िन्दगी कि कहानी,
Radha Bablu mishra
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*प्रणय*
आओ जमीन की बातें कर लें।
आओ जमीन की बातें कर लें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#राम_भला_कब_दूर_हुए_है?
#राम_भला_कब_दूर_हुए_है?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी  का,
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
Yogendra Chaturwedi
इश्क करना
इश्क करना
Ranjeet kumar patre
आज के जमाने में
आज के जमाने में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
होता क्या है
होता क्या है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
यहां दिल का बड़ा होना महानता और उदारता का प्रतीक है, लेकिन उ
यहां दिल का बड़ा होना महानता और उदारता का प्रतीक है, लेकिन उ
पूर्वार्थ
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
द्रौपदी
द्रौपदी
Er.Navaneet R Shandily
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...