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26 Mar 2024 · 1 min read

यदि केवल बातों से वास्ता होता तो

यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
बात न होंने से,बात बन्द हो जाती
यदि यें बात,अभी भी जारी है तो
समझ लो, कि बात कुछ और है

– केशव

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