मैं हूँ ना

अगर तेरा साथ सभी छोड़ दें, निराश तू नहीं होना।
बहाना नहीं तू ऑंसू कभी भी, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना।।
अगर तेरा साथ सभी छोड़ दें—————–।।
माना कि तुमसे मैं रहता हूँ नाराज।
सुनता नहीं हूँ तेरे दिल की आवाज।।
नफ़रत इसको तू नहीं मानना।
अकेले कभी खुद को नहीं जानना।।मैं हूँ ना।मैं हूँ ना।।
अगर तेरा साथ सभी छोड़ दें—————-।।
यह सच है तुमपे ,जुल्म किये हैं।
अक्सर तुम्हें आँसू ही दिये हैं।।
बेदर्दी नहीं, तेरा हमदर्द हूँ।
कभी निराशा में नहीं जीना।।मैं हूँ ना।मैं हूँ ना।।
अगर तेरा साथ सभी छोड़ दें—————–।।
मांगता हूँ दुहा यह तेरे लिए।
खुशी और हंसी मैं तेरे लिए।।
तुम्हारा चमन नहीं मुरझाने दूंगा।
खत्म ख्वाब अपने नहीं करना।।मैं हूँ ना।मैं हूँ ना।।
अगर तेरा साथ सभी छोड़ दें—————-।।
नहीं चाहता तेरे सिवा और को।
करता हूँ प्यार सच्चा मैं तुमको।।
ख्वाब, खुशी तुम्हें मैं मानता हूँ।
हिम्मत कभी तू नहीं हारना।।मैं हूँ ना। मैं हूँ ना।।
अगर तेरा साथ सभी छोड़ दें—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- सिरोही(राजस्थान)