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23 Feb 2024 · 1 min read

“मैं सब कुछ सुनकर भी

“मैं सब कुछ सुनकर भी
चुपचाप लौट आता हूँ,
स्वाभिमान से भी आगे
परिवार का पेट पाता हूँ”
©दुष्यंत ‘बाबा’

1 Like · 153 Views
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