Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2020 · 1 min read

मैं लिखता हूँ जो कुछ भी

मैं लिखता हूँ जो कुछ भी
कभी पढ़ कर भी देखो तुम
मेरे लिखे हर्फ़ों में बस
तुम्हें अपनी सूरत नज़र आएगी

सोचता हूँ तुम्हें जब भी
खुद ब खुद कलम यूँ ही
कोरे पन्नो पर चलती जाएगी

झूठे वादे कर मैं
रिश्ता निभा नही सकता
आसमाँ से चाँद तारे
तोड़ ला नही सकता
लेकिन ये भी सच है कि
मैं तुझे भूला नही सकता

भूपेंद्र रावत
27।03।2020

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 170 Views

Books from Bhupendra Rawat

You may also like:
गोरे मुखड़े पर काला चश्मा
गोरे मुखड़े पर काला चश्मा
श्री रमण 'श्रीपद्'
"हस्ताक्षर"
Dr. Kishan tandon kranti
मां शेरावाली
मां शेरावाली
Seema 'Tu hai na'
देवदासी प्रथा
देवदासी प्रथा
Shekhar Chandra Mitra
नए-नए हैं गाँधी / (श्रद्धांजलि नवगीत)
नए-नए हैं गाँधी / (श्रद्धांजलि नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हँसी हम सजाएँ
हँसी हम सजाएँ
Dr. Sunita Singh
मोदी जी
मोदी जी
Shivkumar Bilagrami
अलविदा कहने से पहले
अलविदा कहने से पहले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
'ताश का पत्ता
'ताश का पत्ता"
पंकज कुमार कर्ण
बचे हैं जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे हैं जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल...
DrLakshman Jha Parimal
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
भूख दौलत की जिसे,  रब उससे
भूख दौलत की जिसे, रब उससे
Anis Shah
तेरे दिल में कब आएं हम
तेरे दिल में कब आएं हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*आधुनिक सॉनेट का अनुपम संग्रह है ‘एक समंदर गहरा भीतर’*
*आधुनिक सॉनेट का अनुपम संग्रह है ‘एक समंदर गहरा भीतर’*
बिमल तिवारी आत्मबोध
You can't AFFORD me
You can't AFFORD me
Vandana maurya
*लोकतंत्र में होता है,मतदान एक त्यौहार (गीत)*
*लोकतंत्र में होता है,मतदान एक त्यौहार (गीत)*
Ravi Prakash
वक्त
वक्त
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
मुझें ना दोष दे ,तेरी सादगी का ये जादु
मुझें ना दोष दे ,तेरी सादगी का ये जादु
Sonu sugandh
गंवारा ना होगा हमें।
गंवारा ना होगा हमें।
Taj Mohammad
"REAL LOVE"
Dushyant Kumar
कुकुरा
कुकुरा
Sushil chauhan
■ होली का हुल्लड़...
■ होली का हुल्लड़...
*Author प्रणय प्रभात*
# पैगाम - ए - दिवाली .....
# पैगाम - ए - दिवाली .....
Chinta netam " मन "
🌹🌺कैसे कहूँ मैं अकेला हूँ, तुम्हारी याद जो है संग में🌺🌹
🌹🌺कैसे कहूँ मैं अकेला हूँ, तुम्हारी याद जो है संग...
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब...
✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब...
'अशांत' शेखर
मैंने साइकिल चलाते समय उसका भौतिक रूप समझा
मैंने साइकिल चलाते समय उसका भौतिक रूप समझा
Ankit Halke jha
मैं आजादी तुमको दूंगा,
मैं आजादी तुमको दूंगा,
Satish Srijan
ज़ब्त की जिसमें
ज़ब्त की जिसमें
Dr fauzia Naseem shad
तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01)
तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01)
Dr. Pratibha Mahi
Loading...