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31 Oct 2022 · 1 min read

मैं फिर आऊँगा

क्या सोचते हो तुम
मैं यूँ ही चला जाऊँगा
जा रहा हूँ आज मगर
देख लेना मैं फिर आऊँगा

पहचान लेना तुम मुझे
मैं किसी भी रूप में आऊँगा
बनकर फूल किसी बाग में
तेरे बालों का गजरा बन जाऊँगा

तेरे पास रहने की ख़्वाहिश है
उसे यक़ीनन पूरा कर जाऊँगा
नहीं जाऊँगा तुझको छोड़कर
जब मैं लौटकर वापिस आऊंगा

तू कहीं भी होगी इस जहान में
तुझे तो मैं तेरी महक से पहचान जाऊँगा
बनकर हवा का झोंका फिर मैं
आकर दिल में, तेरी साँसों में बस जाऊँगा

इन्तज़ार करना तुम मेरा
तुम्हें ज़्यादा इन्तज़ार नहीं करवाऊँगा
करते ही पूरा ये मौत का सफ़र
सूरज की किरणों पर सवार होकर आऊँगा

बस रोना नहीं तुम कभी
तुम्हारी आँखों में अश्क़ न देख पाऊँगा
है मेरा ये वादा तुमसे
जल्द ही लौटकर मैं फिर आऊँगा

सपने दिखाए है जो तुमने
मिलकर साथ तेरे उन्हें पूरा करूँगा
कह तो रहा हूँ मैं तुमसे यार
मैं तेरे साथ ही जिऊँगा और मरूँगा

जबतक तू मुझसे दूर रहेगा
जानता हूँ, मैं कभी चैन से न रह पाऊँगा
देख पाएगा नहीं तू भी बेचैन मुझे
है मेरा वादा, मैं लौटकर फिर आऊँगा ।

Language: Hindi
13 Likes · 3 Comments · 950 Views

Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

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