Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2016 · 1 min read

मैं दीपक हूँ

मैं दीपक हूँ ,
मंद मंद मुस्काता हूँ
सबको लगता है
जलता हूँ
जलकर ही अंधियारा हरता हूँ ,
पर जलना नहीं कहो उसे
वो कर्म तो तप है मेरा
तप कर ही प्रकाशित होता हूँ
आस पास को रोशन करता हूँ
जग का सारा तम हरता हूँ ।
तपकर ही प्रकाश निकलता
संदेश जगती को नव मिलता ।
हम भी सीखें दीपक से जलना
मधुर मधुर मन से तपना
तपकर भी खुशियाँ फैलाना
मंद मंद मुस्काते रहना
रोशन रहकर रोशन करना ।

हमारा जीवन भी दीप सा
प्रकाशित होता रहे और जग को प्रकाश का संदेश देता रहे ।
ऐसी गुण धर्मिता वाले दीप से सजे दीप पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।

डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली ।

Language: Hindi
900 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all

You may also like these posts

शिक्षक जो न होते
शिक्षक जो न होते
Sudhir srivastava
4940.*पूर्णिका*
4940.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
भगवती पारीक 'मनु'
गीत- मिले हैं चार दिन जीवन के...
गीत- मिले हैं चार दिन जीवन के...
आर.एस. 'प्रीतम'
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
Anis Shah
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
इस जग में पहचान का,
इस जग में पहचान का,
sushil sarna
नवम दिवस सिद्धिधात्री,सब पर रहो प्रसन्न।
नवम दिवस सिद्धिधात्री,सब पर रहो प्रसन्न।
Neelam Sharma
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
मन की बात
मन की बात
Seema gupta,Alwar
उम्मींदें तेरी हमसे
उम्मींदें तेरी हमसे
Dr fauzia Naseem shad
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
जिस तन पे कभी तू मरता है...
जिस तन पे कभी तू मरता है...
Ajit Kumar "Karn"
हायकू
हायकू
Santosh Soni
दीवारें
दीवारें
Shashi Mahajan
मात भारती
मात भारती
Dr.Pratibha Prakash
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
gurudeenverma198
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
Sanjay ' शून्य'
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
Dhirendra Singh
मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
Ravi Prakash
पेट लव्हर
पेट लव्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙅आज का गया🙅
🙅आज का गया🙅
*प्रणय*
"बिल्ली कहती म्याऊँ"
Dr. Kishan tandon kranti
5 लाइन
5 लाइन
Neeraj Agarwal
Loading...