Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2024 · 1 min read

मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर

मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर, अब तुम यहाँ आबाद रहो।
बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।।
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर——————————–।।

शायद मुझसे यह शिकायत है, मैं पत्थर हूँ तेरी राह में।
मैं हाजत हूँ तुम्हारे लिए, बेख्याल हूँ मैं तेरी चाह में।।
नाराज नहीं हूँ मैं तुमसे, तुम मस्त रहो खुशहाल रहो।
बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।।
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर——————————।।

तुम्हारी तरहां मेरा नसीब नहीं, नादार हूँ मैं मजबूर हूँ आज।
तुमको मुबारक यह नसीब, रोशन रहे सदा तुम्हारा ताज।।
यहाँ राज तुम्हारा बेखौफ रहे, तुम बनकै हमेशा साज रहो।
बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।।
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर—————————–।।

ये कलियां- बहारें, चांद- सितारें, करता हूँ दुहा तेरे साथ रहे।
ना कोई मिले गम मेरी तरहां, हर गम सदा तुमसे दूर रहे।।
रोशन रहे तुम्हारी दुनिया, तुम बनकै हमेशा चिराग रहो।
बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।।
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर—————————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सुनो मैं बदलना चाहती हूं
सुनो मैं बदलना चाहती हूं
Jyoti Roshni
यूं वक्त लगता है ज़िंदगी को तन्हा गुजरने में,
यूं वक्त लगता है ज़िंदगी को तन्हा गुजरने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
उलफ़त को लगे आग, गिरे इश्क पे बिजली
उलफ़त को लगे आग, गिरे इश्क पे बिजली
पूर्वार्थ
कोई दुख नहीं
कोई दुख नहीं
Meera Thakur
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
धरती को तरुओं से सजाना होगा
धरती को तरुओं से सजाना होगा
राकेश पाठक कठारा
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
Suryakant Dwivedi
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
वक्त पड़े तो मानता,
वक्त पड़े तो मानता,
sushil sarna
मित्रता की परख
मित्रता की परख
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
*काश पूछ कर पाकिस्तान बनाते (गीत)*
*काश पूछ कर पाकिस्तान बनाते (गीत)*
Ravi Prakash
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
Keshav kishor Kumar
बेहया दिल कितने हो तुम
बेहया दिल कितने हो तुम
gurudeenverma198
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वर्ग से उतरी बरखा रानी
स्वर्ग से उतरी बरखा रानी
Ghanshyam Poddar
मित्रता
मित्रता
Rambali Mishra
आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
PRATIK JANGID
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
देवतागण और उनके सर्जक मनुष्य
देवतागण और उनके सर्जक मनुष्य
Dr MusafiR BaithA
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हमेशा कोई जगह खाली नहीं रहती,
हमेशा कोई जगह खाली नहीं रहती,
Manju sagar
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Usha Gupta
Loading...