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27 Jun 2023 · 1 min read

*मेला (बाल कविता)*

मेला (बाल कविता)

चलो घूमने मेला जाओ
चाट-पकौड़ी लेकर खाओ
खेल-खिलौने ठेले पर हैं
चाबी से चलते बंदर हैं
धीरे-धीरे कदम बढ़ाना
कहीं भीड़ में खो मत जाना

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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