मेरे सपनों का भारत
राम राज्य हो मेरे भारत में नहीं भ्रष्टाचार का डेरा हो।
गांवँ- गांँव तक शिक्षा पहुंँचे, ज्ञान का नवल सवेरा हो।
एक रहे हम मिलकर सारे,न तेरा न मेरा हो!
दीन दुखी न कोई जिसमें बस खुशियों का बसेरा हो।
श्रमिक किसान की मेहनत फलित हो अन्न -धान का डेरा हो।
एक रहे हम मिलकर सारे,न तेरा न मेरा हो!
विचारशील हो युवा यहांँ का, भविष्य का चितेरा हो।
संस्कृति -संस्कार से निर्मित सभ्य भारत मेरा हो।
एक रहे हम मिलकर सारे,न तेरा न मेरा हो!
नीलम शर्मा ✍️