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30 Nov 2023 · 1 min read

मेरे बस्ती के दीवारों पर

मेरे बस्ती के दीवारों पर
तुम यूँ मुक्कमल चाँद की तस्वीरे
मत सजाया करो…

ये सारे भूख से
बिलगते बच्चे रोटी के आस में
रात रात जागते रहते है…

आप मंच पर खडे होकर
भूख पर मत बोला करो…!

ये बस्ती तुम्हारे किये गए
वादो पर यकीन कर लेती है
आँखे मूँदकर भूखे पेट…

‘अशांत’ शेखर
30/11/2023

2 Likes · 2 Comments · 264 Views
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