Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2024 · 1 min read

मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,

मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
तलाशा तो सब में आज भी तेरा नाम निकला।
और पूछा जब दिल 💚से तो,
तेरे इश्क का हर पैगाम निकला।।
शिव प्रताप लोधी

101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
ज़िन्दगी को समझते
ज़िन्दगी को समझते
Dr fauzia Naseem shad
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
दीपक झा रुद्रा
मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
3610.💐 *पूर्णिका* 💐
3610.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*कोपल निकलने से पहले*
*कोपल निकलने से पहले*
Poonam Matia
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
"खुद का उद्धार करने से पहले सामाजिक उद्धार की कल्पना करना नि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
DrLakshman Jha Parimal
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अमीर
अमीर
Punam Pande
..
..
*प्रणय प्रभात*
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
वो गली भी सूनी हों गयीं
वो गली भी सूनी हों गयीं
The_dk_poetry
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
मां
मां
Dheerja Sharma
*कितनों से रिश्ते जुड़े नए, कितनों से जुड़कर छूट गए (राधेश्य
*कितनों से रिश्ते जुड़े नए, कितनों से जुड़कर छूट गए (राधेश्य
Ravi Prakash
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
ठूँठ ......
ठूँठ ......
sushil sarna
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज सुरक्षित नही बेटियाँ, अत्याचार जारी है।
आज सुरक्षित नही बेटियाँ, अत्याचार जारी है।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
Befikr Lafz
तेरे ख़त
तेरे ख़त
Surinder blackpen
Loading...