Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2023 · 1 min read

मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,

मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,
जब वो मुस्करा के पूछती है ‘नाराज़ हो क्या’..?।।

विशाल बाबू ✍️✍️

211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
■ कटाक्ष-
■ कटाक्ष-
*Author प्रणय प्रभात*
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जो पड़ते हैं प्रेम में...
जो पड़ते हैं प्रेम में...
लक्ष्मी सिंह
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Harminder Kaur
सपनो में देखूं तुम्हें तो
सपनो में देखूं तुम्हें तो
Aditya Prakash
व्यवहार कैसा होगा बोल बता देता है..,
व्यवहार कैसा होगा बोल बता देता है..,
कवि दीपक बवेजा
दूसरों के अधिकारों
दूसरों के अधिकारों
Dr.Rashmi Mishra
सच्चा आनंद
सच्चा आनंद
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
अपने आसपास
अपने आसपास "काम करने" वालों की कद्र करना सीखें...
Radhakishan R. Mundhra
एक दिया जलाये
एक दिया जलाये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
My City
My City
Aman Kumar Holy
** मेरे खुदा **
** मेरे खुदा **
Swami Ganganiya
नयी बहुरिया घर आयी*
नयी बहुरिया घर आयी*
Dr. Sunita Singh
चेतना की उड़ान
चेतना की उड़ान
Shekhar Chandra Mitra
सब्जियां सर्दियों में
सब्जियां सर्दियों में
Manu Vashistha
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बंधन
बंधन
Surinder blackpen
भाव
भाव
Sanjay ' शून्य'
💐अज्ञात के प्रति-81💐
💐अज्ञात के प्रति-81💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोस्ती का एहसास होता है
दोस्ती का एहसास होता है
Dr fauzia Naseem shad
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
रूह को कैसे सजाओगे।
रूह को कैसे सजाओगे।
Taj Mohammad
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
Buddha Prakash
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
Basant Bhagawan Roy
कागजी फूलों से
कागजी फूलों से
Satish Srijan
जीव कहे अविनाशी
जीव कहे अविनाशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...