Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2016 · 1 min read

मेरे चिराग की धुंधली सी रौशनी क्यूं है

शऊरो फिक्र मे आख़िर ये बेबसी क्यूं है
उठो चिराग़ जलाओ ये तीरगी क्यूं है

तुला है सारा ज़माना सितम ज़रीफी पे
मगर हमारे लबों पर ये खामुशी क्यूं है

कहीं तो मै भी नहीं तेरे नेक बन्दों में
मेरे नसीब मे आख़िर ये मुफ़लिसी क्यूं है

कोई कमी तो नही मेरी परवरिश मे कहीं
मेरे चिराग़ की धुधली सी रौशनी क्यूं है

पहुच गया तो नही मै क़रीब मंज़िल के
मेरे ख़िलाफ ये साज़िश रची गयी क्यूं है

जब एक खून हमारी रगो में है आज़म
हमारे बीच ये नफ़रत ये दुश्मनी क्यूं है

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
Ravi Prakash
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
मां तौ मां हैं 💓
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
Paras Nath Jha
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
Swami Ganganiya
सत्य बोलना,
सत्य बोलना,
Buddha Prakash
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
DrLakshman Jha Parimal
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
दहेज.... हमारी जरूरत
दहेज.... हमारी जरूरत
Neeraj Agarwal
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
किसान
किसान
Dp Gangwar
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
शेखर सिंह
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
..
..
*प्रणय प्रभात*
मत करना तू मुझ पर भरोसा
मत करना तू मुझ पर भरोसा
gurudeenverma198
" ये धरती है अपनी...
VEDANTA PATEL
दूरी और प्रेम
दूरी और प्रेम
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
3632.💐 *पूर्णिका* 💐
3632.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भीगी बाला से हुआ,
भीगी बाला से हुआ,
sushil sarna
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
विश्व पुस्तक दिवस पर
विश्व पुस्तक दिवस पर
Mohan Pandey
लत
लत
Mangilal 713
Loading...