Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

मेरी राहों में ख़ार

पाँव ज़ख़्मी हैं आज तक मेरे ।
मेरी राहों में ख़ार कितने थे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
दुर्योधन मतवाला
दुर्योधन मतवाला
AJAY AMITABH SUMAN
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
*जीवन्त*
*जीवन्त*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नारी....एक सच
नारी....एक सच
Neeraj Agarwal
3487.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3487.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
Dheeru bhai berang
भीगी पलकें( कविता)
भीगी पलकें( कविता)
Monika Yadav (Rachina)
यूँ हर एक चेहरे में मत ढूँढो तुम मुझको पूर्ण विद्रोही कलमकार
यूँ हर एक चेहरे में मत ढूँढो तुम मुझको पूर्ण विद्रोही कलमकार
पूर्वार्थ
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
gurudeenverma198
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
Manisha Manjari
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
■ सुबह की सलाह।
■ सुबह की सलाह।
*प्रणय प्रभात*
मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है
मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है
VINOD CHAUHAN
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
शेखर सिंह
हुई कोशिशें सदियों से पर
हुई कोशिशें सदियों से पर
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इन्सान बन रहा महान
इन्सान बन रहा महान
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
विचार, संस्कार और रस-4
विचार, संस्कार और रस-4
कवि रमेशराज
मां
मां
Slok maurya "umang"
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
🌸प्रकृति 🌸
🌸प्रकृति 🌸
Mahima shukla
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का
*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का
Ravi Prakash
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
कहा किसी ने
कहा किसी ने
Surinder blackpen
Loading...