Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2022 · 1 min read

मेरी मातृभाषा हिन्दी है

मेरी मातृभाषा हिन्दी है, यही गीत सबको सुनाता हूँ।
राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की,यही सबको मैं समझाता हूँ।।
जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//
मेरी मातृभाषा हिन्दी है———————।।

हिन्दी बोलने में हम, क्यों करते हैं इस तरहां शर्म।
पहचान हमारी हिन्दी है, इसके लिए हो अपने कर्म।।
हिन्दी को करें आबाद सदा, यही ज्ञान सबको देता हूँ।
राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की, यही सबको मैं समझाता हूँ।।
जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//
मेरी मातृभाषा हिन्दी है———————।।

सब भाषाओं का आदर,करती है हमारी यह हिन्दी।
सभी जाति-धर्मों को सम्मान, देती है हमारी यह हिन्दी।।
देती है सभी को ममता-शरण,इसको मैं माता कहता हूँ।
राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की, यही सबको मैं समझाता हूँ।।
जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//
मेरी मातृभाषा हिन्दी है———————–।।

जानो हिन्दी के गौरव को,स्वाभिमान इसको अपना कहो।
इसकी ही छत्रछाया में,अपने को तुम आबाद कहो।।
यह जान है अपने देश की,सबको यह शपथ दिलाता हूँ।
राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की, यही सबको मैं समझाता हूँ।।
जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//
मेरी मातृभाषा हिन्दी है————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Language: Hindi
Tag: गीत
81 Views
You may also like:
आत्महीनता एक अभिशाप
आत्महीनता एक अभिशाप
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
// बेटी //
// बेटी //
Surya Barman
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*कभी नयनों से नयनों के, इशारे कम नहीं होंगे(मुक्तक)*
*कभी नयनों से नयनों के, इशारे कम नहीं होंगे(मुक्तक)*
Ravi Prakash
तेरी सख़्तियों के पीछे
तेरी सख़्तियों के पीछे
ruby kumari
चांद के पार
चांद के पार
Shekhar Chandra Mitra
रात
रात
अंजनीत निज्जर
खुशी और गम
खुशी और गम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आपकी इस मासूमियत पर
आपकी इस मासूमियत पर
gurudeenverma198
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय- 5
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय- 5
Pravesh Shinde
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
#प्यार...
#प्यार...
Sadhnalmp2001
कुछ आदतें बेमिसाल हैं तुम्हारी,
कुछ आदतें बेमिसाल हैं तुम्हारी,
Deepak Kumar Srivastava नील पदम्
भोक
भोक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सुख की खोज में दर-दर भटकने का नाम
सुख की खोज में दर-दर भटकने का नाम
Anil Mishra Prahari
पहले की भारतीय सेना
पहले की भारतीय सेना
Satish Srijan
शब्द सारे ही लौट आए हैं
शब्द सारे ही लौट आए हैं
Ranjana Verma
ਮਿਲਣ ਲਈ ਤਰਸਦਾ ਹਾਂ
ਮਿਲਣ ਲਈ ਤਰਸਦਾ ਹਾਂ
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-462💐
💐प्रेम कौतुक-462💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आंखों पर शायरी
आंखों पर शायरी
Dr fauzia Naseem shad
खंडहर में अब खोज रहे ।
खंडहर में अब खोज रहे ।
Buddha Prakash
शरीफ यात्री
शरीफ यात्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सच्चे दोस्त की ज़रूरत
सच्चे दोस्त की ज़रूरत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुद्धिमत्ता
बुद्धिमत्ता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
■ विशेष दोहा...
■ विशेष दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
आशा की किरण
आशा की किरण
Nanki Patre
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
'अशांत' शेखर
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मन की बात 🥰
मन की बात 🥰
Ankita
Loading...