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15 Sep 2022 · 1 min read

मेरी माँ

वो पुर नूर चेहरा
वो प्यारी सी आंखे
बहुत याद आती है
अम्मी की बाते
वो सब को प्यार से मिलना मिलाना
कोई घर जो आए
तो उस को बिठाना
बिठा कर हंस हंस के
सुन ना सुनाना
नहीं भूल सकते
वो खूबसूरत यादें
बहुत याद आती है
अम्मी की बाते

दुआएँ हमेशा करती थी
सभी के लिए वो
किसी को नहीं देख सकती थी
परीशाँ
गरीबों को रखती थीं
दिल से अजीज
बहुत प्यार से खिलाती थी
खाना
कभी घर से कोई भूखे ना जाते
बहुत याद आती है
अम्मी की बाते

खुदारा मेरी अम्मी को
जन्नत में ऊँचा मुक़ाम देना
करते है हम जो
दुआ वो तू सुन ना
जुबान पे आयी है
आज दिल की बाते
बहुत याद आती है
अम्मी की बातें

ShabinaZ

Liye

Language: Hindi
103 Views

Books from shabina. Naaz

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