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19 May 2023 · 1 min read

मेरी कलम से…

मेरी कलम से…
आनन्द कुमार

सच से भाग कर कहाँ तक जाओगे,
नहीं बदले तो आज हारे हो, कल भी हार जाओगे।
हम तो रोज़ बिकते हैं ख़रीदें जाते हैं,
बस जिसके जीतने मुफ़ीद हैं उतने ही गढ़े जाते हैं…

1 Like · 124 Views
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