Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
5 Followers
Follow
Report Content
21 Aug 2021 · 1 min read
मेरा चाँद ही काफी है
मेरे नसीब में नही चरागा
तो क्या गम है,
मेरा चाँद ही काफी है
रोशनी के लिए।
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
1 Like
· 143 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like:
!! नफरत सी है मुझे !!
गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार
❤इस दिल में अरमान बहुत है 💙
Khedu Bharti "Satyesh"
प्रेम कविता
Rashmi Sanjay
क्युकी ..... जिंदगी है
Seema 'Tu hai na'
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
मनोज कर्ण
सर्दी
Vandana Namdev
💐अज्ञात के प्रति-123💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुलाब-से नयन तुम्हारे
परमार प्रकाश
इससे अच्छा तो अजनबी हम थे
Dr fauzia Naseem shad
यह आत्मा ही है जो अस्तित्व और ज्ञान का अनुभव...
Ankit Halke jha
करें उन शहीदों को शत शत नमन
Dr Archana Gupta
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
"लोग क्या सोचेंगे?"
Pravesh Shinde
मधुशाला अभी बाकी है ।।
Prakash juyal 'मुकेश'
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
अनुराग दीक्षित
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
सत्य कुमार प्रेमी
राष्ट्रीय एकता दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिल के टुकड़े
Surinder blackpen
एक शायर अपनी महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
Winning
Dr Rajiv
बिखरे अल्फ़ाज़
Satish Srijan
जल
Saraswati Bajpai
कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं।
Manisha Manjari
हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं
कवि दीपक बवेजा
तल्ख
shabina. Naaz
ईश्वर से यही अरज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*अमर रहेंगे वीर लाजपत राय श्रेष्ठ बलिदानी (गीत)*
Ravi Prakash
तुम अगर हो पास मेरे
gurudeenverma198
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
शेयर मार्केट में पैसा कैसे डूबता है ?
Rakesh Bahanwal
Loading...