Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2016 · 1 min read

मेरा चमन……

मेरा चमन……

जालिम बहुत है वो हर घर, गली , मुहल्ले में छुपे बैठे है

उनसे अपना चेहरा छुपाये रखना, नजरे बचाये रखना,

कही कर न जाए दागदार पाक दामन को पाकर मौका

बेशकीमती है मेरा चमन, इसकी आबो हवा बनाये रखना

!

!

!

डी. के. निवातियां

Language: Hindi
208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from डी. के. निवातिया
View all
You may also like:
नारी
नारी
Dr Parveen Thakur
"चुम्बन"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
🌺🌹रातें बहुत अजीब नज़र आतीं हैं🌹🌺
🌺🌹रातें बहुत अजीब नज़र आतीं हैं🌹🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"योगी-योगी"
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
हम गैरो से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे #गजल
हम गैरो से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे #गजल
Ravi singh bharati
बगावत का बिगुल
बगावत का बिगुल
Shekhar Chandra Mitra
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेटी से ही संसार
बेटी से ही संसार
Prakash juyal 'मुकेश'
//...महापुरुष...//
//...महापुरुष...//
Chinta netam " मन "
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
*सम्मति*
*सम्मति*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुंदेली दोहा- जंट (मजबूत)
बुंदेली दोहा- जंट (मजबूत)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वो इक नदी सी
वो इक नदी सी
Kavita Chouhan
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
आकाश महेशपुरी
*जगत में इस तरह छोटा-सा कोना स्वर्ग कहलाया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*जगत में इस तरह छोटा-सा कोना स्वर्ग कहलाया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
इश्क की खुमार
इश्क की खुमार
Pratibha Pandey
"श्री अनंत चतुर्दशी"
पंकज कुमार कर्ण
'मन चंगा तो कठौती में गंगा' कहावत के बर्थ–रूट की एक पड़ताल / DR MUSAFIR BAITHA
'मन चंगा तो कठौती में गंगा' कहावत के बर्थ–रूट की एक पड़ताल / DR MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
Subhash Singhai
आओ मनायें आजादी का पावन त्योहार
आओ मनायें आजादी का पावन त्योहार
Anamika Singh
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
DrLakshman Jha Parimal
23/47.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/47.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
डी. के. निवातिया
*मन का समंदर*
*मन का समंदर*
Sûrëkhâ Rãthí
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है
Surinder blackpen
खामोश कर्म
खामोश कर्म
Sandeep Pande
Loading...