*मूल समस्या बस इतनी है, अच्छे लोग खराब हो गए (हिंदी गजल/ गीतिका)*

मूल समस्या बस इतनी है, अच्छे लोग खराब हो गए (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
मूल समस्या बस इतनी है, अच्छे लोग खराब हो गए
गंगाजल से भरे पात्र थे, देखा सभी शराब हो गए
2
आदर्शों को कहॉं उतारा गया आचरण में अब तक भी
पढ़े-लिखे तो मिले बहुत जन, मुर्दा किंतु किताब हो गए
3
भ्रष्ट नहीं हों और रिश्वतों से जिनको परहेज नहीं हो
अधिकारीगण ऐसे, हर दफ्तर में केवल ख्वाब हो गए
4
चले गए राजे-रजवाड़े, सब ही सत्ता अपनी खोकर
मगर बड़े उससे भी नेता, राजा और नवाब हो गए
5
गली-मोहल्लों के नामों में, इनका बस उल्लेख मिला
जाने कैसे गायब सारे कुऍं और तालाब हो गए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451