Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2023 · 1 min read

*मुसाफिर (मुक्तक)*

*मुसाफिर (मुक्तक)*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
मुसाफिर बन के जितने लोग, नश्वर जग में आते हैं
सफर सौ साल का करके, चले सब जग से जाते हैं
किसे मालूम हो पाई, छुपी आत्मा जो भीतर है
लगाकर ध्यान बिरले जन ही, उसको जान पाते हैं
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
25 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
*मेरी इच्छा*
*मेरी इच्छा*
Dushyant Kumar
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
💐प्रेम कौतुक-157💐
💐प्रेम कौतुक-157💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
AJAY AMITABH SUMAN
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज का
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज का
Dr fauzia Naseem shad
सार्थक मंथन
सार्थक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
वीणा का तार 'मध्यम मार्ग '
वीणा का तार 'मध्यम मार्ग '
Buddha Prakash
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
Deepesh सहल
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम है वतन के।
हम है वतन के।
Taj Mohammad
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
Satish Srijan
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
हिन्दी दोहा -भेद
हिन्दी दोहा -भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
DaminiQuotes
DaminiQuotes
Damini Narayan Singh
भागो मत, दुनिया बदलो!
भागो मत, दुनिया बदलो!
Shekhar Chandra Mitra
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2255.
2255.
Dr.Khedu Bharti
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
shabina. Naaz
"बड़ा सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
!!दर्पण!!
!!दर्पण!!
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
■  आज का लॉजिक
■ आज का लॉजिक
*Author प्रणय प्रभात*
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
तरुण सिंह पवार
जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
लवकुश यादव "अज़ल"
मोबाइल जब से चला, वार्ता का आधार
मोबाइल जब से चला, वार्ता का आधार
Ravi Prakash
काग़ज़ के पुतले बने,
काग़ज़ के पुतले बने,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...