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22 Aug 2021 · 1 min read

मुश्किल में हैं हल सोचेंगे

मुश्किल में हैं हल सोचेंगे
आज नहीं तो कल सोचेंगे

छप्पर का भी नहीं ठिकाना
कैसे ताज-महल सोचेंगे

बड़ा नहीं है मुझसे कोई
ऐसा तो पागल सोचेंगे

वे भी हो जाएंगे पागल
भाई जो हर पल सोचेंगे

धोखा देना जिनकी आदत
वे तो केवल छल सोचेंगे

पाएंगे ‘आकाश’ नहीं कुछ
जो बैठे ही फल सोचेंगे

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 20/08/2021

180 Views

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