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17 Oct 2016 · 1 min read

मुरझाया क्यों

गुलिस्ता फिर है मुरझाया बेबस इतना.
कोमल सुकुमार कली से प्यार जितना.

आज गिरा आसू जो आँखो से घायल.
कर दिया दीवानगी का मुझको कायल.

एक जहाँ बसा क्यो चाह है तेरी ऐसी.
नियम विरूध्द चलने की क्यों है बेबसी.

प्रेम स्वीकार नही मुझे तेरा यह है मानना.
कही को मेरी ना मानना यह है अवमानना.

Language: Hindi
71 Likes · 1 Comment · 349 Views
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