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22 Feb 2023 · 1 min read

मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।

मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
बहारों की चाहत में खिजां को भुलाए रखते हैं।

खेम किरण सैनी

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