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20 Apr 2020 · 1 min read

मुमकिन है

मुमकिन है
मैं किसी दिन
तुम्हारे बगल से गुजर जाऊं…
और तुम्हें पता न चले
मेरे गुजर जाने के बाद
मेरे सांसों में बसा तुम्हारा नाम
हवा में तैरता हुआ
तुम्हारे कानों फुसफुसाए
तुम्हारा ही नाम… और
जब तक तुम पलट कर देखो
मैं बिलीन हो चुकी होऊं … नेपथ्य में
~ पुर्दिल सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 323 Views

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