Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2023 · 1 min read

मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,

मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,

अखबार और नई पुरानी सभी किताब,,

मिलती रहती है जानकारी लाजबाव,,

कुछ नया सीखने-समझने है सचगम साज,,

अंतर्मन से उठती आवाज….

पढ़ना है पूरा करना है ख्बाव!!

जिज्ञासु मन ढूंढ लेता जवाब,,

ज्यों सागर में भरा हो ज्ञानमय आब,,

मोती से अनमोल आखर से होता भान,,

सर्वत्र भरे जीवन नव -नव उजास,,

सत्य है किताब ही ऐसा दोस्त सदाबहार,,

मनमीत का करें सम्पूर्ण विकास,,

जीवन की उलझनों का करें निकास,,

ना शिकायत करे,ना रूठे,रहती पास,,

सहेज कर रखती अगिनत किताब।।

-सीमा गुप्ता,अलवर

Language: Hindi
116 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Seema gupta,Alwar
View all
You may also like:
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
टाँग इंग्लिश की टूटी (कुंडलिया)
टाँग इंग्लिश की टूटी (कुंडलिया)
Ravi Prakash
नंद के घर आयो लाल
नंद के घर आयो लाल
Kavita Chouhan
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
Dr fauzia Naseem shad
भूख-प्यास कहती मुझे,
भूख-प्यास कहती मुझे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक कसम
एक कसम
shabina. Naaz
रावणदहन
रावणदहन
Manisha Manjari
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गीत
गीत
Mahendra Narayan
इम्तिहान की घड़ी
इम्तिहान की घड़ी
Aditya Raj
धुनी रमाई है तेरे नाम की
धुनी रमाई है तेरे नाम की
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
पहले जैसे रिश्ते अब क्यों नहीं रहे
पहले जैसे रिश्ते अब क्यों नहीं रहे
Ram Krishan Rastogi
गीत... हो रहे हैं लोग
गीत... हो रहे हैं लोग
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
संगीत................... जीवन है
संगीत................... जीवन है
Neeraj Agarwal
हालात-ए-दिल
हालात-ए-दिल
लवकुश यादव "अज़ल"
बेरोजगारी
बेरोजगारी
पंकज कुमार कर्ण
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
का हो पलटू अब आराम बा!!
का हो पलटू अब आराम बा!!
Suraj kushwaha
कहियो तऽ भेटब(भगवती गीत)
कहियो तऽ भेटब(भगवती गीत)
मनोज कर्ण
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
'अशांत' शेखर
मां के आंचल
मां के आंचल
Nitu Sah
"टिकमार्क"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान क्यों ऐसे इतना जहरीला हो गया है
इंसान क्यों ऐसे इतना जहरीला हो गया है
gurudeenverma198
धोखा था ये आंख का
धोखा था ये आंख का
RAMESH SHARMA
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-354💐
💐प्रेम कौतुक-354💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राम-राज्य
राम-राज्य
Bodhisatva kastooriya
Loading...