मुझसे ये पूछ रहे हैं

मुझसे ये पूछ रहे हैं, बोलो इनसे मैं क्या कहूँ।
साथी तुम्हें अपना कहूँ, या तुम्हें दुश्मन कहूँ।।
मुझसे ये पूछ रहे हैं—————–।।
किसी ने इनसे कहा है, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।
तुमको जानेदिल कहूँ, या तुम्हें संगदिल कहूँ।।
मुझसे ये पूछ रहे हैं—————–।।
तुम्हें भी तो मालूम है, किसकी तारीफ करता हूँ।
तुमको खुशी अपनी कहूँ , या तुम्हें बेवफा कहूँ।।
मुझसे ये पूछ रहे हैं——————।।
ऑंसू जो मेरे बहे हैं, किसको खुशी देने के लिए।
हमदर्द तुम्हें अपना कहूँ , या मैं पत्थरदिल कहूँ।।
मुझसे ये पूछ रहे हैं——————।।
मानकर किसको हमसफर, ख्वाब किसके बुनता हूँ।
तुमको अपनी शान कहूँ , या तुमको नाहक मैं कहूँ ।।
मुझसे ये पूछ रहे हैं——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)