Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2024 · 1 min read

मुझमें गांव मौजूद है

अपनी कोई भी पहचान खोता नहीं
नाम हरगिज़ बड़ों का डुबोता नहीं
मुझमें अब तक मेरा गांव मौजूद है
लाख कोशिश करूं शहर होता नहीं

Language: Hindi
48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■आज का सवाल■
■आज का सवाल■
*प्रणय*
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
Pratibha Pandey
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
VINOD CHAUHAN
कातिल उसकी हर अदा,
कातिल उसकी हर अदा,
sushil sarna
शालीनता , सादगी और संस्कार भी एक श्रृंगार है , तथाकथित आधुनि
शालीनता , सादगी और संस्कार भी एक श्रृंगार है , तथाकथित आधुनि
पूर्वार्थ
That poem
That poem
Bidyadhar Mantry
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
विनती
विनती
Dr. Upasana Pandey
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
Dr Archana Gupta
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नमन तुमको है वीणापाणि
नमन तुमको है वीणापाणि
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
AMRESH KUMAR VERMA
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
दीप उल्फ़त के
दीप उल्फ़त के
Dr fauzia Naseem shad
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
माँ दे - दे वरदान ।
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
DrLakshman Jha Parimal
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
*नई दुकान कहॉं चलती है (हिंदी गजल)*
*नई दुकान कहॉं चलती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
Sahil Ahmad
हवस में पड़ा एक व्यभिचारी।
हवस में पड़ा एक व्यभिचारी।
Rj Anand Prajapati
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
"सफर अधूरा है"
Dr. Kishan tandon kranti
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
Neelofar Khan
निरर्थक शब्दों में अर्थ
निरर्थक शब्दों में अर्थ
Chitra Bisht
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...