Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2016 · 1 min read

जोड़-तोड़

जोड़-तोड़, कर जुगाड़, संवार बिगाड़ यही संसार
शैशव में शिशु भी करता यही , सीखने का आधार।
घटा-गुणा के चक्कर में पड़ी है देखो दुनिया सारी
जप तू राम-नाम सरस, ले अपना जीवन भी’ संवार।

Language: Hindi
375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sharda Madra
View all
You may also like:
कैसा दौर है ये क्यूं इतना शोर है ये
कैसा दौर है ये क्यूं इतना शोर है ये
Monika Verma
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
Sushil chauhan
पेश आना अब अदब से।
पेश आना अब अदब से।
Taj Mohammad
चौथ का चांद
चौथ का चांद
Dr. Seema Varma
💐प्रेम की राह पर-34💐
💐प्रेम की राह पर-34💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
देव भूमि - हिमान्चल
देव भूमि - हिमान्चल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"चैन से तो मर जाने दो"
रीतू सिंह
डाकिया डाक लाया
डाकिया डाक लाया
Paras Nath Jha
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
■ चिंतन...
■ चिंतन...
*Author प्रणय प्रभात*
हाइकु:(लता की यादें!)
हाइकु:(लता की यादें!)
Prabhudayal Raniwal
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Arti Bhadauria
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
घृणित नजर
घृणित नजर
Dr Meenu Poonia
पिता
पिता
Santoshi devi
जर,जोरू और जमीन
जर,जोरू और जमीन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बेड़ियाँ
बेड़ियाँ
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
खुल जाये यदि भेद तो,
खुल जाये यदि भेद तो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किया वादा
किया वादा
लक्ष्मी सिंह
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
शाश्वत सत्य की कलम से।
शाश्वत सत्य की कलम से।
Manisha Manjari
मैं भारत का जवान हूं...
मैं भारत का जवान हूं...
AMRESH KUMAR VERMA
*   अधिकार जिसको भी मिला, मद से वही नर भर गया  (हिंदी गजल/ गीतिका)*
* अधिकार जिसको भी मिला, मद से वही नर भर गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
हयात की तल्ख़ियां
हयात की तल्ख़ियां
Shekhar Chandra Mitra
उलझनें
उलझनें
Shashi kala vyas
Loading...