Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2016 · 1 min read

प्रेम धार

निराशा न घेरे कभी बार-बार
दिलासा सभी को सभी को दुलार
नमी हो दिलों में बहे ज्ञान गंग
न शिकवे गिले हों बहे प्रेम धार।

Language: Hindi
291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Sharda Madra
View all
You may also like:
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अल्फाज़
अल्फाज़
Dr.S.P. Gautam
आज के युवा 🦋
आज के युवा 🦋
Skanda Joshi
पिता
पिता
अवध किशोर 'अवधू'
गुरु की महिमा पर कुछ दोहे
गुरु की महिमा पर कुछ दोहे
Ram Krishan Rastogi
22-दुनिया
22-दुनिया
Ajay Kumar Vimal
तक़दीर की उड़ान
तक़दीर की उड़ान
VINOD KUMAR CHAUHAN
बेदर्दी बालम
बेदर्दी बालम
Anamika Singh
"किताब और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
कमी मेरी तेरे दिल को
कमी मेरी तेरे दिल को
Dr fauzia Naseem shad
तपिश
तपिश
SEEMA SHARMA
चांद से सवाल
चांद से सवाल
Nanki Patre
तपस्या और प्रेम की साकार प्रतिमा है 'नारी'
तपस्या और प्रेम की साकार प्रतिमा है 'नारी'
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👸👰🙋
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👸👰🙋
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गाँव री सौरभ
गाँव री सौरभ
हरीश सुवासिया
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
कहां पता था
कहां पता था
dks.lhp
उलझनें_जिन्दगी की
उलझनें_जिन्दगी की
मनोज कर्ण
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
एक उलझा सवाल।
एक उलझा सवाल।
Taj Mohammad
✍️सिर्फ मिसाले जिंदा रहेगी...!✍️
✍️सिर्फ मिसाले जिंदा रहेगी...!✍️
'अशांत' शेखर
*मानपत्रों से सजा मत देखना उद्गार में (हिंदी गजल/
*मानपत्रों से सजा मत देखना उद्गार में (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
मित्रता मे बुझु ९०% प्रतिशत समानता जखन भेट गेल त बुझि मित्रत
मित्रता मे बुझु ९०% प्रतिशत समानता जखन भेट गेल त बुझि मित्रत
DrLakshman Jha Parimal
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
एक हरे भरे गुलशन का सपना
एक हरे भरे गुलशन का सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
डिजिटलीकरण
डिजिटलीकरण
Seema gupta,Alwar
कभी
कभी
Ranjana Verma
इस मुकाम पे तुझे क्यूं सूझी बिछड़ने की
इस मुकाम पे तुझे क्यूं सूझी बिछड़ने की
शिव प्रताप लोधी
Loading...