Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2023 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
सत्ता का गुणगान करे,ये कवि का काम नहीं होता।
चाटुकारिता करने से, कोई सरनाम नहीं होता।
इस धरती पर कर्मों से, हर प्राणी पूजा जाता है,
बस रघुवंशी होने से, कोई प्रभु राम नहीं होता।।
-डाॅ.बिपिन पाण्डेय

1 Like · 65 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
Ravi Prakash
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
Sakshi Tripathi
ये  भी  क्या  कमाल  हो  गया
ये भी क्या कमाल हो गया
shabina. Naaz
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
कब तक इंतजार तेरा हम करते
कब तक इंतजार तेरा हम करते
gurudeenverma198
■ परिहास / प्रसंगवश....
■ परिहास / प्रसंगवश....
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदी
हिंदी
नन्दलाल सुथार "राही"
संस्कृति वर्चस्व और प्रतिरोध
संस्कृति वर्चस्व और प्रतिरोध
Shashi Dhar Kumar
कुछ यादें जिन्हें हम भूला नहीं सकते,
कुछ यादें जिन्हें हम भूला नहीं सकते,
लक्ष्मी सिंह
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
श्याम सिंह बिष्ट
तुम दोषी हो?
तुम दोषी हो?
Dr. Girish Chandra Agarwal
अँधेरे रास्ते पर खड़ा आदमी.......
अँधेरे रास्ते पर खड़ा आदमी.......
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-308💐
💐प्रेम कौतुक-308💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सम्बन्धों  में   हार  का, अपना  ही   आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
Dr Archana Gupta
तानाशाही सरकार
तानाशाही सरकार
Shekhar Chandra Mitra
कोई नहीं देता...
कोई नहीं देता...
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नौकरी वाली बीबी
नौकरी वाली बीबी
Rajni kapoor
अशोक महान
अशोक महान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सोच का अपना दायरा देखो
सोच का अपना दायरा देखो
Dr fauzia Naseem shad
अब सुनता कौन है
अब सुनता कौन है
जगदीश लववंशी
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हैप्पी होली
हैप्पी होली
Satish Srijan
"जब रास्ते पर पत्थरों के ढेर पड़े हो, तब सड़क नियमों का पालन
Dushyant Kumar
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
मेरी धुन में, तेरी याद,
मेरी धुन में, तेरी याद,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम्हारी हँसी......!
तुम्हारी हँसी......!
Awadhesh Kumar Singh
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
Shashi kala vyas
बारिश
बारिश
Aksharjeet Ingole
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
अमित मिश्र
Loading...