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21 Apr 2020 · 1 min read

मुक्तक

फ़क़त उसके बांटने से नहीं बटें हम
हम में बाटने वाले जिन्न का साया है

मैं तो तुझ में तुझ जैसा ही हूं… तूने ही
कभी राम कभी रहमान कह के बुलाया है
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
2 Likes · 160 Views

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