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8 Mar 2022 · 1 min read

मुक्तक: युद्ध को विराम दो.!

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तीसरे विश्व-युद्ध की झलक- दुनिया देख रहीं है!
धरती-माॅं रो रही! संतान की करतुतें देख रहीं है।
हिटलर मत बनो कपूतों,अब! युद्ध को विराम दो–
दंड से बचो! ईश्वर की दृष्टि सब-कुछ देख रहीं है।।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल
।==*उज्जैन*{ मध्यप्रदेश}*===।
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Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 1156 Views
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