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3 Jan 2024 · 1 min read

मुक्तक – जिन्दगी

पीपल बूढ़ा हो गया, पीत हुए सब पात ।
अपने ही देने लगे, घाव हीन आघात ।
ठहरी- ठहरी जिन्दगी, देखे बीते मोड़ –
आँसू की संसार ने, दिल को दी सौगात ।

सुशील सरना / 3-1-24

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