Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2016 · 1 min read

मुक्तक :– आसान लम्हे हो गये !!

मुक्तक :– आसान लम्हे हो गये !!
अनुज तिवारी “इन्दवार”

वक्त जब वश में हुआ आसान लम्हे हो गये !
और मुश्किल वक्त पर शैतान लम्हे हो गये !
वक्त की एक मार से बेमौत मरती जिंदगी !
वक्त की पहचान कर मुस्कान लम्हे हो गये !!

Language: Hindi
1 Like · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Anuj Tiwari
View all
You may also like:
नवगीत
नवगीत
Sushila Joshi
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
समीक्षा सॉनेट संग्रह
समीक्षा सॉनेट संग्रह
Pakhi Jain
अलाव
अलाव
Surinder blackpen
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
Manisha Manjari
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस आज......
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस आज......
*Author प्रणय प्रभात*
वन  मोर  नचे  घन  शोर  करे, जब  चातक दादुर  गीत सुनावत।
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
2475.पूर्णिका
2475.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
उसकी जुबाँ की तरकश में है झूठ हजार
उसकी जुबाँ की तरकश में है झूठ हजार
'अशांत' शेखर
★ दिल्लगी★
★ दिल्लगी★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*साठ वर्ष की आयु (कुंडलिया)*
*साठ वर्ष की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Winning
Winning
Dr. Rajiv
खंडहर हुई यादें
खंडहर हुई यादें
VINOD KUMAR CHAUHAN
किताब...
किताब...
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
स्त्री श्रृंगार
स्त्री श्रृंगार
विजय कुमार अग्रवाल
आज की राजनीति
आज की राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कठपुतली न बनना हमें
कठपुतली न बनना हमें
AMRESH KUMAR VERMA
गम देके।
गम देके।
Taj Mohammad
आ जाओ न प्रिय प्रवास तुम
आ जाओ न प्रिय प्रवास तुम
Shiva Awasthi
बचे हैं जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे हैं जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
 
  " परिवर्तन "
Dr Meenu Poonia
"निर्झर"
Ajit Kumar "Karn"
तुम दोषी हो?
तुम दोषी हो?
Dr. Girish Chandra Agarwal
नया उभार
नया उभार
Shekhar Chandra Mitra
कितना आंखों ने
कितना आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-366💐
💐प्रेम कौतुक-366💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
Dhriti Mishra
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Writing Challenge- खाली (Empty)
Writing Challenge- खाली (Empty)
Sahityapedia
Loading...