*मुकदमा (कुंडलिया)*

*मुकदमा (कुंडलिया)*
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जाता झगड़ा कचहरी , लगते हैं सौ साल
चला मुकदमा मंद गति ,कछुए की ज्यों चाल
कछुए की ज्यों चाल ,सिर्फ तिथि पर तिथि पड़ती
बिना सजा के जेल , जिंदगी कुछ की सड़ती
कहते रवि कविराय , न्याय जल्दी कब आता
हुई अदालत व्यर्थ , रोज फरियादी जाता
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*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा , रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451