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4 Mar 2023 · 1 min read

मीलों का सफर तय किया है हमने

मीलों का सफर तय किया है हमने ,
अब हल्के हल्के मुकाम नजर आते हैं !

मंजिल हल्की-हल्की सी दिखती है
लेकिन राहों में तूफान नजर आते हैं !

कई चट्टानों से टकराए हैं हम राहों में,
मस्तक पर कई निशान नजर आते हैं !

गैरों के दिल में हलचल सी है थोड़ी
ये अपनों के ही काम नजर आते हैं !

जीवन सींचा हमने बालू के स्तूपों से
इसमें हवाओं के नाम नजर आते हैं !

इतनी ठोकर पर हम मुकम्मल खड़े हैं
यह उस रहबर के पैगाम नजर आते हैं !

दीवारें कुछ भी नहीं बताती किसी को ,
यह अपनों के ही कान नजर आते हैं !

✍कवि दीपक सरल

Language: Hindi
1 Like · 207 Views
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