Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2022 · 1 min read

मीठे बोल

हद से ज्यादा जो मीठा बोले,वो व्यक्ति अपनापन पा जाता है।
उस मीठे बोल के पीछे क्या है,यह क्यों कोई परख नहीं पाता है।
शहद ढूंढने निकल के देखो असली शहद ढूंढे से भी मिल नहीं पाता है।
नकली शहद जबकि हर घर में बहुतायत में पाया जाता है।।
मीठे का है खेल निराला मीठा सबको पसंद आ जाता है।
सब यह जाने ये जान का दुश्मन,फिर भी हंस कर हर कोई खाता है।
बातों का भी यही सिलसिला मीठी बात में मजा बहुत ही आता है।
और उसी बीच में एक सच बोलो,वो क्यों सबको कड़वा लग जाता है।।
स्वस्थ खाना खाकर भी जैसे व्यक्ति उसकी तारीफ नहीं कर पाता है।
अंत में खाया मीठा हर व्यक्ति से अपना गुणगान कराता है।।
कहे विजय बिजनौरी भैय्या मीठी बात को सुनना बहुत ही जरूरी है।
लेकिन उस पर करूं अमल यह नहीं नहीं मेरी मजबूरी है।।
झूंट के पांव नहीं होते यह हर कोई व्यक्ति जानता है।
फिर क्यों सच को अपनाने में तू बंदे खुद को अक्षम मानता है।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी

Language: Hindi
3 Likes · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all
You may also like:
"बूढ़े होने पर त्याग दिये जाते हैं ll
पूर्वार्थ
तुम्हीं हो
तुम्हीं हो
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Two Different Genders, Two Different Bodies And A Single Soul
Two Different Genders, Two Different Bodies And A Single Soul
Manisha Manjari
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
8. *माँ*
8. *माँ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
Neelofar Khan
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
कोई कैसे ही कह दे की आजा़द हूं मैं,
कोई कैसे ही कह दे की आजा़द हूं मैं,
manjula chauhan
अपनों की महफिल
अपनों की महफिल
Ritu Asooja
राखी सबसे पर्व सुहाना
राखी सबसे पर्व सुहाना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"मैं और मेरी मौत"
Pushpraj Anant
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
कहां गए बचपन के वो दिन
कहां गए बचपन के वो दिन
Yogendra Chaturwedi
"Multi Personality Disorder"
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
संसार में सबसे
संसार में सबसे "सच्ची" वो दो औरतें हैं, जो टीव्ही पर ख़ुद क़ुब
*प्रणय प्रभात*
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
Lakhan Yadav
!!  श्री गणेशाय् नम्ः  !!
!! श्री गणेशाय् नम्ः !!
Lokesh Sharma
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
Keshav kishor Kumar
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
मेहनत की कमाई
मेहनत की कमाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
“अनोखी शादी” ( संस्मरण फौजी -मिथिला दर्शन )
“अनोखी शादी” ( संस्मरण फौजी -मिथिला दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
4082.💐 *पूर्णिका* 💐
4082.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Loading...