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4 Jul 2022 · 1 min read

मीठी-मीठी बातें

मीठी-मीठी बातें बहुधा
होती कड़वी खलक में
तुंग से दिखता किंचित
अभ्यंतर होता कतिपय
अगरचे आपसे कोई नर
बिन रज:स्राव चौमासा के
मानिंद करता मिष्ट बातें तो
बोधना उसके प्रयोजन को |

अक्सर नर, मनुज को
इस अनूठे से भुवन में
पड़ती जब गरज आपसे
मीठी-मीठी बातें कर वह
मांगत फिरता है सहायता
जिसने कभी न दी आश्रय
आपका प्रत्युत किया अवज्ञा
मीठे बातें का समझना सबब ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 173 Views
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