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12 Jan 2022 · 1 min read

‘मिटे नामियों के निशां कैसे-कैसे’

ऐ ज़ालिम तानाशाहों,
होश में आओ!
झूठमूठ ही इतना मत
जोश में आओ!!
अब टूट चुका तुम्हारा
पुराना तिलिस्म!
शान को छोड़ो, जान की
ख़ैर मनाओ!!
Shekhar Chandra Mitra
#बहुजनशायर #राजनीतिककविता
#जनवादीगीतकार

Language: Hindi
Tag: कविता
176 Views
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